Please wait

बर्खास्त ग्रुप सी और डी कर्मचारियों को भत्ता नहीं, कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार के फैसले पर रोक लगाई

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बर्खास्त ग्रुप सी और ग्रुप डी कर्मचारियों को मासिक भत्ते देने के पश्चिम बंगाल सरकार के फैसले पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है।

20 Jun 2025

बर्खास्त ग्रुप सी और डी कर्मचारियों को भत्ता नहीं, कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार के फैसले पर रोक लगाई

एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आज बर्खास्त किए गए ग्रुप सी और ग्रुप डी कर्मचारियों को भत्ते देने के पश्चिम बंगाल सरकार के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी। न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने फैसला सुनाया कि राज्य सरकार 26 सितंबर या अदालत के अगले आदेश तक भत्ते नहीं दे सकती। यह फैसला बर्खास्त कर्मचारियों को वित्तीय राहत प्रदान करने की राज्य सरकार की हालिया पहल को झटका देता है।

अदालत ने राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। बदले में, याचिकाकर्ताओं के पास राज्य के प्रस्तुत करने के बाद अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए 15 दिन का समय होगा। इस कानूनी कार्यवाही से राज्य की भत्ता योजना के पीछे के औचित्य और इसकी वैधता को लेकर चुनौतियों को स्पष्ट करने की उम्मीद है।

2016 के एसएससी पैनल के ग्रुप सी और ग्रुप डी कर्मचारियों सहित लगभग 26,000 व्यक्तियों की नौकरी सुप्रीम कोर्ट के आदेश से रद्द कर दी गई थी। इसके बाद मई में राज्य सरकार ने बर्खास्त ग्रुप सी कर्मचारियों को ₹25,000 और ग्रुप डी कर्मचारियों को ₹20,000 मासिक भत्ता देने का फैसला किया। नौकरी गंवाने वालों की आर्थिक तंगी दूर करने के उद्देश्य से लिए गए इस फैसले की कानूनी जांच शुरू हो गई।

राज्य की भत्ता योजना को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। याचिकाकर्ताओं के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि बर्खास्त ग्रुप सी और ग्रुप डी कर्मचारियों को भत्ता देने का फैसला सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विपरीत है। यह दलील राज्य के कदम के खिलाफ कानूनी चुनौती का मूल है।

सुनवाई के दौरान जस्टिस अमृता सिन्हा ने भत्ते की राशि के पीछे के तर्क पर सवाल उठाया था। उन्होंने पूछा, "राशि ₹25,000 और ₹20,000 क्यों है? यह आंकड़ा किस आधार पर तय किया गया?" जज ने यह भी सवाल उठाया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्य ने बिना किसी चर्चा या जांच के भत्ते देने का इतना जल्दी फैसला क्यों लिया।

जवाब में, राज्य के महाधिवक्ता (एजी) किशोर दत्ता ने याचिका की स्वीकार्यता को चुनौती दी। हालांकि, याचिकाकर्ताओं के वकील ने जवाब देते हुए कहा, "राज्य यह तय नहीं कर सकता कि कौन मामला दायर करेगा।" दोनों पक्षों की दलीलों ने राज्य की नीति की विवादास्पद प्रकृति और उसके कानूनी निहितार्थों को उजागर किया।

Ad Image
Comments

No comments to show. Log in to add some!

Other Relevant Stories


बर्खास्त ग्रुप सी और डी कर्मचारियों को भत्ता नहीं
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बर्खास्त ग्रुप सी और ग्रुप डी कर्मचारियों को मासिक भत्ते देने के पश्चिम बंगाल सरकार के फैसले पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है।





Download The Taaza Tv App Now to Stay Updated on the Latest News!


play store download
app store download
app img


Breaking News